रांची. सूरत की यूनिक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने सड़क निर्माण के लिए टेंडर डाला ही नहीं था, इंजीनियरों ने उसे 51.62 करोड़ रुपए का ठेका दे दिया। साथ ही एडवांस के तौर पर सात करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया। पथ निर्माण विभाग में हुए इस घोटाले का खुलासा योजना एवं वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव ने समीक्षा के दौरान किया।
इसमें यह भी बात सामने आई है कि राज्य के तीन और महत्वपूर्ण विभागों में टेंडर घोटाला हुआ है। इनमें भवन निर्माण, जल संसाधन और ग्रामीण कार्य विभाग शामिल हैं। हेमंत सोरेन सरकार ने शनिवार को भ्रष्टाचार का बड़ा मामला बताते हुए पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ (अभियंता प्रमुख) रास बिहारी सिंह को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही इन चार विभागों में पिछले चार वर्षों में हुए टेंडर की जांच के लिए विकास विकास आयुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी बना दी है। कमेटी को दो माह के अंदर रिपोर्ट सौंप देनी है। जांच में खुलासा हुआ है कि पथ निर्माण विभाग में विभिन्न योजनाओं के टेंडर में शिड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) बढ़ाकर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है। ये गड़बड़ियां पकड़े जाने के बाद कई और बड़े अफसरों पर कार्रवाई की तैयारी है।
सड़क निर्माण के लिए टेंडर डाला ही नहीं था, इंजीनियरों ने उसे करोड़ों रुपए का ठेका दे दिया
कंपनी ने टेंडर डाला ही नहीं था, उसे दे दिया 51 करोड़ का ठेका, कर दिया सात करोड़ का भुगतान